मॉं तेरी याद

कुछ तुम्हारी शिकायत व डाँट सुन सकूँ , कुछ अपने गिले शिकवे कह सकूँ , साँझा कर लें फिर से वे ढेरों सित्तम, कुछ हंस कर, कुछ आँसू बहाकर तुम हम.........