'भ' वणर्स्य देवीं तु मता मन्दाकिनी वसुः ।।देवता बीजं 'उं' चैव गौतमोऽसावृषिस्तथा॥निमर्ला यन्त्रमेवं च निमर्ला विरजे पुनः ।।भूती सन्ति फलं चैव निमार्ल्यं पापनाशनम्॥ अर्थात - 'भ' अक्षर की देवी- 'मन्दाकिनी', देवता- 'वसु', बीज- 'उं', ऋषि- 'गौतम', यन्त्र- निर्मालायन्त्रम, विभूति- निर्मला एवं विरजा' और प्रतिफल- निर्मलता व पापनाश' हैं ।। दृश्यमान गंगा और अदृश्य गायत्री की … Continue reading श्री गंगा दशहरा!
Month: May 2023
Shri Ram Parivar
Jai Shri Ram! Ram, Laxman, Janki, Jai bolo Hanuman ki. Ram Parivaar @ the Mandir at Shree Lohana Mahajan Mandal 24/05/23
Striking Oneself!
This quote by reverend Late Dada Jashan P. Vaswani from his daily inspirational readings book titled “ Begin The Day With God”. He has Refered to the Hindu holy book Shrimad Bhagwad Gita (Gita) in this quote. We may be victims or warriors or survivors or victorious in life: the biggest part is played by … Continue reading Striking Oneself!
Hanuman Ji
Jai Bajrang Bali Hanuman ji @ Shree Lohana Mahajan Mandal 24/05/23
TRI-SHAKTI
Despite all efforts we might slip a little sometimes when seeking the spiritual progress. Living in a world full of vasanas and attractions, of name, fame, success, recognition, misery, sorrow and comparisons the spiritual success often takes a set back but we mustn't be disheartened and must not lose hope. We must again create the desire - the Iccha and again follow it and do it. That's the secret of success not only i spiritual gains but also for any other goals of life. Read on for more into the self upliftment
Ganpati
Aum Ganpataye Namah Ganpati Ji @ the Mandir at Shree Lohana Mahajan Mandal, Nairobi 24/05/23
हिन्दू मंत्रों व रेंकी सहित वृक्षारोपण
अनन्य उत्सव इस माह के 'अनन्य-उत्सव' की अगली कड़ी के रूप में हम प्रस्तुत करते हैं अनन्य-केन्या का नया अंक अनन्य-केन्या की संपादक सारिका फलोर के शब्दों में इस अंक में आप पढ़ पाएँगे केन्या के हिन्दी कवि, लेखकों की रचनाएँ, सांस्कृतिक उत्सव व कला-चित्रकारी की झलक - -संपादकीय - सारिका फलोर - "मातृ शक्ति … Continue reading हिन्दू मंत्रों व रेंकी सहित वृक्षारोपण
चाय/ Chai
उसकी यादों का आलिंगन
जब वह थी तो मैं बेपरवाह थीबेपरवाह थी क्योंकि मेरी माँ थी कुछ समझ न आता, कोई दुविधा होती बस झट से उँगलियों से उसका नंबर मिलाती हर समस्या का समाधान थी मॉं Sikiladi हर दुविधा का निष्कास थी मॉं उसके घरेलू उपायों में थी मेरी तबियत हर रोग, हर दर्द का उपचार थी मॉं अब लगता है कि जब फ़ोन करती थी वह और बेवजह व्यस्तता जताती थी मैं कितनी गलती करती थी मैं Sikiladi उसका दिल दुखाती थी मैं अब वही सिलसिला चल रहा है बस अब सामने मॉं नहीं, मेरे बच्चे हैं Sikiladi हर संकट में, हर दुविधा में वे मुझसे उपाय तलाशते हैं अब समय की कमी तो रही न मगर अपने ही जने हुए मुझ से अधिक व्यस्त से है उनका हर पल ज्यूँ बेशक़ीमती सा है और मैं विवश हो इन्तज़ार में बैठी हुई फिर सोचती हूँ काल चक्र भी कैसा है कल जहां मैं थी आज मेरी संतान है और मुझे भी तो मॉं वाली पदवी मिली है जैसा देखा था उसको करते हुएSikiladi वहीं सब मैं आज कर जाती हॉं, मॉं जैसी आदर्श वादी न सही किन्तु कुछ कुछ उसके पद्ध चिन्हों पर चल जाती परिवार को न केवल पालने लगी हूँ मगर उसकी भाँति जोड़ने भी लगी हूँ जब दर्द दफ़्न कर सीने में, मुस्कुराती हूँ दर्पण भी मेरे चेहरे में उसकी झलक दिखाता है हर सुख संपन्न होते हुए, खुश आबाद क्षणों में भी बस एक कमी सी पाती हूँ Sikiladi मॉं के संग न होने पर , तन्हा खुद को पाती हूँ फिर दूजे ही क्षण इस विश्वास में जीती हूँ वह मेरे भीतर समाई है, कभी मेरी उँगलियों से पकाती दिखती है Sikiladi कभी मेरे वस्त्रों में वह सुगंध सी समाती है कभी अपनी ही ऑंखों की नमी में महसूस होती कभी सुकून के क्षणों में ह्रदय को तृप्त करती है कभी याद सुहानी बन तितली सी वह खिड़की के किनारे आ बैठती हैं Sikiladi और कभी चाय की चुस्की लेते … Continue reading उसकी यादों का आलिंगन
The Sacred Self!
Namaste! Hari Aum 🙏🏼🙏🏼Sharing this excerpt from the famous author and healer Dr. Wayne Dyer which seems similar to the Vedantic knowledge. The parable is of the fetus state but that’s how we humans also behave as grown ups: A Parable from Your Sacred Self In a mother’s womb were two babies. One asked the … Continue reading The Sacred Self!