वृक्षारोपण Vriksharoparn

वृक्षारोपण 

चलो काम कुछ हट कर करें 

समाज की निःस्वार्थ सेवा करें

जिस धरती मॉं ने सौंपा हमें सब कुछ 

उस की गोद में कुछ अर्पण करें 

साफ़ कुछ मन का दर्पण करें

बगीचे में पौधे अनेकों बोए

अब चलो वृक्षारोपण करें

खड्डा खोद भूमि से क्षमा याचना करें

शायद कुछ नन्हे जीव भी रहते होंगे 

हम होशियार रह उनका आदर करें

पढ़ें मंत्र, श्लोक उच्चारण करें

धरती मॉं की गोद में वृक्षारोपण करें

वृक्षो रक्षती रक्षिता: की प्रार्थना करें

फिर खाद मिट्टी डाल हाथों से

हस्त कपोलों से जल की वर्षा करें

ऊं शान्ति ऊं शान्ति का पाठ करते करते 

वृक्ष के भले की कामना करें

दुलार दे उसे, प्यार भरा एक नाम दें उसे

धरती मॉं की गोद में उसे अर्पण करें

चलो आज हम वृक्षारोपण करें

सिकीलधी 

 

3 thoughts on “वृक्षारोपण Vriksharoparn

  1. बहुत ही सुंदर और दिल को छुने वाली पंक्तियाँ है 🙏
    ह्रदय से आभार है आपको इस काम के लिए।🙏🤗

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