
माता कात्यायनी, देवी दुर्गा के नौ रूपों में से छठी हैं
जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है. माता कात्यायनी को ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है. इनके बारे में कुछ खास बातेंः
माता कात्यायनी को निर्भीकता और साहस की देवी माना जाता है.
माता कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना जाता है.
माता कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र पहनकर, पीले फूल अर्पित करने और सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करने चाहिए.
माता कात्यायनी को मधुयुक्त पान बहुत पसंद है.
माता कात्यायनी की पूजा से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
माता कात्यायनी चार भुजाओं वाली हैं. इनकी एक भुजा में तलवार है, दूसरी में पुष्प, तीसरी में अभय मुद्रा, और चौथी में वर मुद्रा है.
माता कात्यायनी की उत्पत्ति के बारे में वामन और स्कंद पुराण में अलग-अलग बातें कही गई हैं.
माता कात्यायनी की पूजा से शक्ति संचार होता है और शत्रुओं पर जीत मिलती है.




