सोनादास

Sonadas

सभी को प्रणाम सहित दुखद सूचना :–

2013 मई महीने की बात है 11 वर्ष पहले की लगभग 30 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार आते है अपने मुखिया सोनादास के साथ और रहने लायक स्थान ढूंढते ढूंढते दिल्ली के आदर्श नगर दिल्ली जल बोर्ड मैदान पहुंचते है,

स्थानीय निवासियों के माध्यम से हमें पता चलता है फिर एक लम्बी बातचीत के बाद इस दलदल से भरे मैदान में रहने का मन बनाते है ,

लेकिन घुटने तक दलदल सहित बच्चो के अंतिम यात्रा स्थान पर रहें तो रहें कैसे इस पर चर्चा चली रही थी उसी समय मुखिया सोनादास जी खड़े होते है और कहते है हम इसको भरेंगे मलवे , रोड़ी , कंकर से और इधर ही रहेंगे अब कहीं नहीं जाएंगे , और संघर्ष प्रारंभ हो जाता है मुखिया सोनादास के नेतृत्व में सभी बंधु , माताएं , बहने और बच्चे लग पड़ें आस पास 1 किलोमीटर का जितना भी मलवा था सर पर तसलो में लाद लाद कर पूरा रहने लायक मैदान भर दिया , जो असंभव लगता था इससे पहले वो सोनादास जी के अथक प्रयास और सुगम मार्गदर्शन में सम्भव हो पाया ।

आज 11 वर्ष बाद शरणार्थी कैंप में लगभग 200 परिवार से अधिक है लेकिन कहीं न कहीं सोनादस जी का प्रत्येक परिवार आजीवन ऋणी रहेगा उनके द्वारा इस स्थान को रहने योग्य बनाने के लिए ।

उन्होंने बीते 11 वर्ष शरणार्थी परिवारों सहित शरणार्थी कैंप के मंदिर की बहुत सेवा की , शायद उन्हें पहले ही पता लग चुका था इसलिए कल देर रात तक हमने आपस में बहुत बात करी और बीते 11 वर्षो के खट्टे मीठे अनुभव साझा किए ।

आज आप हमें छोड़ अपनी अंतिम परलोक धाम की यात्रा पर चलें गए , आपका मार्गदर्शन और आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहेगा ,

आपकी पाकिस्तान से भारत तक आने और आकर बसने की यात्रा अदभुत थी जिसको कोई भी लेखाकार कभी अपने शब्दो में नही पिरो सकता , महादेव आपको अपने श्री चरणों में स्थान दें ऐसी प्रार्थना है ।

🕉️ शांति 🕉️🙏

हरि ओम साहू

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