खुशाली!

बेटी मेरी अपनी हो या फिर किसी और की- बेटी ही होती है ।

यह कविता मेरी सखी अरूना की ओर से उसकी बेटी खुशाली के लिए एक प्यारी सी भेंट ।

जन्मदिन मुबारक हो खुशाली ।

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