प्रेम से रहो!

जीना है जब तक.

क्यों न करे मोहब्बत !

रखें भाई चारा,

न लें किसी की तोहमत!

यादों की छोड़ छाप जहां में,

ख़ुशनुमा करें खुद की क़िस्मत!

आपसी नाता निभाएं ,

ईश्वर की मान नेमत!

सिकीलधी

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