हिंदी कविता
एक प्रार्थना (२)
प्रार्थना! हैं गुज़ारिश तुझ से ऐं परवरदिगार……..दे दे सहारा…. करा दे जीवन नैया पार….
एक प्रार्थना! (१)
प्रार्थना! जब आस न दिखे आस पास से…….हाथ जोड़ पुकार लो उसे…..
आई बहार!
बादल की चादर
Published in October 2025 edition of Hindu Deep Widespread is the sheet of clouds Blanketing the Earth, the white spread Large heartedly embracing the earth Comforting with it’s relaxing shadows
Sharad Purnima
अमृत का संचार हो रहा गोपियों संग रास हो रहा चाँद जो चमका चॉंदी सा हर्षित हर एक मन हो रहा खीर बना कर भोग लगा है लक्ष्मी जी का अहसास हुआ है अक्षत रख प्रार्थना हम करते उत्साहित हर मन हुआ है सिकीलधी