अमृत का संचार हो रहा गोपियों संग रास हो रहा चाँद जो चमका चॉंदी सा हर्षित हर एक मन हो रहा खीर बना कर भोग लगा है लक्ष्मी जी का अहसास हुआ है अक्षत रख प्रार्थना हम करते उत्साहित हर मन हुआ है सिकीलधी
शरद पूनम
शरद पूनम
चॉंद पूनम का
कान्हा संग मिल, अठखेली करता
गोपियों संग यह रास गरबा करता