ये पुष्पों का है खिलना या ईश्वर का एक आकारएक तू ही निरंकार! एक तू ही निरंकार! The third bloom of the season. Potted Brahma Kamal ( cereus) in the balcony garden pleases the heart with each bloom. This bloom gifted me with 7 flowers day before, 10 last night and I await more flowers … Continue reading ब्रह्मकमल
ब्रह्मकमल
आई बहार!
बेमौसम
रात का मुसाफ़िर
अंतिम सत्य
क्या वह बन गया था मेरा सरमाया ? या फिर मेरी मौत का संदेश था लाया …. असमंजस में थी मैं …. बूझ न सकी ख़ुशी मनाऊँ या…. स्वयं अपने ही मरने का मातम मनाऊँ …..
ब्रह्मकमल / Brahma Kamal
गर्भ धारण लिए तेरे पत्ते, आशा देते नए संसार की I कलियों के विकसित बोझ लिए , झूलतीं डालियों ने कई प्रण लिए........