फूल
झुके फूल!
मेरी सखी
प्यारी बिन्दू कल रात तुम आई सपने में मेरेमेरे ह्रदय के थे खिल उठे कपोलेतुम्हारे बालों में कान के पीछे वह फूलजामुनी और नारंगी वह फूलकितनी सुन्दर दिख रही थी तुमहम दोनों ने बाँहों में बाँहें पकड़बहुत देर तक एक साथ डाँस कियाडेरों बातों का ख़ज़ाना था खोलाऔर सब से अच्छी बात यह थीकि … Continue reading मेरी सखी
श्रद्धांजलि