औरत अपना सर्वस्व जिन पर क़ुर्बान कर जाती है, अक्सर वही उसके असीम दुख का कारण बन जाते हैं ।
पहचान
दिवंगत
चले गए जो आज से पहले, उन दिवंगत आत्माओं को प्रणाम.....
गुरू
गुरू है वह अहसास, जो रहता संग जीवन की हर श्वासं........
विधाता
तेरी हस्ती की सारी यह मस्ती घुल के धरती में मिल जाएगी