जाड़ा

जाड़ा आया, गरम कपड़ों कि दुकानें लायाsikiladi
कई प्रकार के कम्बल, रज़ाई व रंगबिरंगी शाल लाया
कुछ हल्की, कुछ पश्मीना या फिर शहतूश वाली शाल
ऊन महीन हो, मध्यम हो या मोटे रेशे की लेतीं हर साल
धूप सेकतीं, बैठ बतियातीं, और हाथों सिलाइयाँ चलातीं
घंटों तक स्वेटर बुनतीं माँ, दादी व चाची मामी दिखतीं
तिल लड्डू व रेवड़ी की मिठास वाला जाड़ा आया
अग्नि देव की मर्यादा लिए लोहड़ी संग पोंगल लायाsikiladi
माघ व मकर संक्रांति वाले गंगा स्नान वाली उमंग लाया
सात धान की खिचड़ी, गज़क, गुड़ की मिठास ले आया
पेंच लड़ाने वाला उत्सव, पतंगों का साया आकाश पे छाया
बहु, ससुर, जीजा व साली सबने मिल आनंद उठाया


तरह तरह के फ़ैशन वाला आज भी जब जाड़ा आया
शीत ऋतु का नया स्टाइलिश सा संदेशा लाया
कई प्रकार की टोपी, मोज़े, जर्सी व दस्ताने लायाsikiladi
बुनाई वाली बैठकों संग कितने सुंदर पोंचो लाया
दूर हुई गर्मी के पसीने की बू, धूप में अब आनंद आया
साथ ही पुराने से नूतन वर्ष में सरकने का अवसर
आया
जाड़े संग ही आता पेट पूजा का अलग ही सरोकार
सरसों के ताज़ा पते व मोती से चमकते मटर गोलाकार
बाजरे, मक्के या गुड़ की हो रोटी मक्खन जताता प्यार
कैसे कर सकता है कोई इस ऋतु के व्यंजन से इनकार
वो बालू पर भुनी हुई मुलायम शकरकंदी का दीदार
और छली लिए फेरी वाले की ज़ोरदार आमंत्रित पुकार
sikiladi
कड़कता जब जीवन का वृध्द जाड़ा आया
हमारे चाहने न चाहने की परवाह किए बग़ैर
निर्दयी हमारे जोड़ों के दर्द को संग ले लायाsikiladi
संग ही लाया शीशी वाला गरम सरसों का तेल
जिसका हर रात होता हमारे दुखते घुटनों से मेल
कंपकंपाती सर्दी लगती, दांत किटकिटाते
सिगड़ी लगा कमरों में बैठ हम हाथ पाँव सेकते


सर्द सर्दी के स्वभाव भी अजब घर में होते दिखते
रज़ाइयों में बैठे बुजुर्गों के पाँव छूने कठिन लगते
चूल्हे पर चाय के सिवाय काड़े के पतीले मिलते
प्रातःकाल बच्चे न नहाने के बहाने खोजते फिरते
अपनी चहेती क़ुल्फ़ी से हम स्वत: ही मुँह मोड़ लेते
पेप्सी,कोला छोड़ हम हल्दी वाला दूध पीने लगते
sikiladiश्री कृष्ण के उपदेश लिए जाड़ा आयाsikiladi
श्रीमद् भागवत गीता जी की जयंती लाया
संक्रांति और भीष्म पितामह की पुण्यतिथि संग ही
तुलसी पूजन के उत्सव को भी यह मौसम ले आया
गुरुओं की आशीश व नेमत लिए गुरू नानक देव
व गुरू गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व संग लाया


जाड़ा आया, हाँ भाई जब जाड़ा आयाsikiladi
कुछ ठिठुरन, कुछ सिहरन वाली शीत लहर लाया
मगर अब की बरस पारा उतारती शीत लहर संग
हर भारतीय के मन में नव उत्साह व उमंग ले आया
अयोध्या नगरी व देस विदेश के मंदिरों को जोड़ पाया
२०२४ वाला जाड़ा हर्षोल्लास वाली रामलहर ले आया
वाह 👌👌
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धन्यवाद 🙏🏼
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Ati sundar rachna 👍
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Apka Abhaar Sunith Ji. 🙏🏼
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