शायद वह नब्ज़ दर्द देने वाली किसी ग़ैर की पकड़ में आ गई होगी ज़िक्र छेड़कर मेरे इतिहास के पन्नों का उसे कुछ मज़ा शायद आया होगा
आवारा पन्ने
शायद वह नब्ज़ दर्द देने वाली किसी ग़ैर की पकड़ में आ गई होगी ज़िक्र छेड़कर मेरे इतिहास के पन्नों का उसे कुछ मज़ा शायद आया होगा
चाहा था समेट लूँ यादों के धागे पिरो लूँ बीते कल के कुछ मोती मगर कमबख़्त दिल दे गया धोखा हर याद पिरोने से पहले कर गया दगा़ आँखों से बहने लगी एक एक याद गुज़रे समय की हूक करती फ़रियाद न बुला! न रुला! एै दिल ए नादान मुझे अतीत बन कर ही रहने … Continue reading यादें
लोग चले जाते चुपचाप इस जहान से , यादों का कारवाँ पीछे छोड़ जाते हैं।
मॉं है तो मायका भी है मॉं है तो मन महका भी है वह प्यार दुलार व दुआ की बहार वो घर बुलाने के बहाने हज़ार वो हर फ़रमाइश का पूरा करना वो घंटों बैठ कर बातें करना मॉं है तो मायका भी है मॉं है तो मन महका भी है वो मायके जाकर सब … Continue reading मॉं से मायका (Maternal Home)