वो यादें जो सिमट तसवीरों में, मुझसे बातें करतीं हैं ...... कुछ दर्द का एहसास देतीं हैं , कुछ लबों पे मुस्कान बनती हैं........
वो यादें!
वो यादें जो सिमट तसवीरों में, मुझसे बातें करतीं हैं ...... कुछ दर्द का एहसास देतीं हैं , कुछ लबों पे मुस्कान बनती हैं........
शायद वह नब्ज़ दर्द देने वाली
किसी ग़ैर की पकड़ में आ गई होगी
ज़िक्र छेड़कर मेरे इतिहास के पन्नों का
उसे कुछ मज़ा शायद आया होगा
सदियों से सताया तुमने
किसने दिया है यह हक़