
ऐ मृत्यु
एै मृत्यु अपना हसीन चोला ले जब तुम आओगी
आकर इस मानव देह से मुक्ति दिलाओगी
जानती हूँ , तुम केवल अपना कर्तव्य निभाओगी
मगर क्या मेरी कुछ विनती मान पाओगी?
Sikiladi
सुना है, तुम्हारे आगे सब विवश हो जाते हैं
जूठे-सच्चे प्रण भी कई प्रकार के कर जाते हैं
ऐ मेरी स्नेहिल सखी, कृपया सुनो मेरी अर्ज़ी
फिर आगे मानो न मानो वह तुम्हारी मर्ज़ी
Sikiladi
ऐ मृत्यु जब तुम अपनी बेअंत चादर ओढ़ाओगी
तो देखो, धीमी चाल व हौले हौले कदमों से आना
इतनी चुपचाप अपनी अनदेखी अहस्ती को लाना
कोई जान न सके, पहचान न सके, तुम्हारा यहाँ आना
Sikiladi
न द्वार पे देना कोई दस्तक,न धमाका करना
न खिड़की को खटकाना, न घंटी को ही बजाना
बस शांत ही निकट आ,मुझे हल्के से झकझोरना
और अपने आगमन का प्यारा एहसास दिलाना
Sikiladi
वादा करती हूँ, न नहीं करूँगी, न कोई बहाना दूँगी
तुम्हारे बस एक बुलावे पर,बेझिझक संग चल पड़ूँगी
देर न करूँगी क्षण भर भी,न ही श्रिृंगार को रुकूँगी
जब भी मुझे पुकारोगी तुम, बस उठ चल पड़ूँगी
Sikiladi
हे सुघड़ सखी,एक ठंडी हवा का झोंका संग लाना
सुकून की साँस लेते लेते, साँसों से विदा लूँगी
न हो कोई प्रियजन समक्ष,कहीं मोह वश रोक न ले
डरती हूँ उनकी चाह विवश ह्रदय रुकने की हठ न करदे
Sikiladi
एै मृत्यु तुम जब आओगी ,इतना तो कर ही देना
चलते फिरते ही बुलाना,चाहती हूँ स्वस्थ ही तुम संग जाना
न देना बीमारी व पीड़ा, न मेरी देखभाल की परिवार को सज़ा
न हो दवाओं का ढेर निकट, न ही वीलचेयर पर विराजमान
Sikiladi
न लेटूँ अस्पताल के बिस्तर पर, तुम से मिलूँ अपने दो पैरों पर
तुम आना तो कुछ यूँ आना,ज्यूँ जीवन को मिले अंतिम ख़ज़ाना
सुख के श्वास तजने का देकर बहाना,संसार से मुझे तुम उठाना
सेवा, सत्संग व सिमरन करते, मुझे आ स्वयं अपने हाथों थाम लेना
Sikiladi
जंजाल रहित संसार से छुड़ा,अपने आलिंगन में समाना
मेरी अंतरात्मा चाहे, तुम्हारे ईश्वरीय अहसास में पनाह पाना
क्षमा करना, लोभ वश ही सही, करती हूँ तुम्हारी सराहना
ऐ प्यारी सखी हो सके तो मुझे मोक्ष अवश्य दिलवाना
Sikiladi
किन्तु यदि यह न हो सके सम्भव मेरे कर्मों कारण
ख़्याल रखना कि जब फिर पाऊँ यदि यह जीवन पथ
जन सेवा वाले भाव से भरपूर हो मेरा जीवन रथ
हर जीव में समानता जान, करूँ प्रेम तज कर नफ़रत
Sikiladi
हे मृत्यु तुम जब भी मेरे पते पर मुझे लेने आओगी
करूँगी तुम्हारा स्वागत, ह्रदय के जलते दीप को बुझा कर
ओढ़ लूँगी नया उजाला, शरीर वाला पर्दा जल जाने पर
आत्मा की होगी भेंट स्वयं के भीतर बसे परमात्मा से मिल कर
Sikiladi
सिकीलधी



Exclusive celebration
As the sequel of this month’s ‘Exclusive-Festival’ we present the new issue of Exclusive-Kenya
In the words of Sarika Flor, Editor of Ananya-Kenya
In this issue you will read glimpses of Kenya’s Hindi poets, writers and artworks –
-Editorial – Sarika Flor – “A New Journey”
-Article – Yoga – Sarika Flore
- Article – Meaning of Religion
-Poems – Satyam Shivam Sundaram
Today’s friends – Renu Shivali
A Death – Monica Gokaldas
Status – Rupali Varsani
Scenes – Rupali Varsani
Yoga & Music – Navnidhi Gupta
-Story – When awake, then morning – Sunita Maheshwari “A messageful family story”
-Story – Knock – Imagination Parik
-Comedy Picture: Nitin Bengale
- Image literature – Renu Shrivastava
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