मेरा सम्मान

खुली आँखों से ख़्वाब देखती हूँ

शायद वो दिन भी आएगा कभी

मेरे इर्द गिर्द की हलचल को

अपने इर्द-गिर्द महसूस करेगा कोई 

जब नाम पुकारा जा रहा हो मेरा

और मंच पे बुला सम्मान करते हों लोग

तब उन्हें भी उतनी ही प्रसन्नता हो

जितनी उनके सम्मान पे मुझे होती है 

जब अख़बार में नाम छपता है मेरा

और तस्वीरों सहित ज़िक्र होता है 

तब उन्हें भी मुझ पर गर्व होता दिखे 

मेरी सफलता उन्हें अपने जीवन का अंग लगे

जब दुनियादारी निभाने में मुझे निपुण जान

उन्हें मेरी कही बातें मक़सद पूर्व लगने लगें 

और फिर सबके सामने सराहना कर मेरी

उनका सीना गौरव पूर्ण चौड़ा होने लगे

जब मेरे लिखे लेख व कविताएँ पढ़ 

उन्हें मेरी प्रशंसा करते शब्द कम लगने लगें

और वे मेरा उदाहरण देकर मेरे ही 

बच्चों को प्रोत्साहित करने का क्रम जारी रखें 

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