तुम्हारा जन्मदिन

तेरी याद जो आई

मेरी ऑंखें ढबढबाईं

कुछ ख़ास है आज का दिन

आज के दिन मनाते तुम्हारा जन्मदिन

मगर अब वही दिन

बन कर रह गया याद का दिन

तुम जो रूठ चलीं जहाँ से

ढूँढती हूँ तुम्हारे निशाँ से

वो छोटी छोटी बातें, यादें बन

समेट लेती हैं एक आलिंगन बन

हर क्षण समाई रहती हो मुझमें

मॉं तुम साँसों की माला बन

दिखता तेरा ही चहरा वो प्यारा

जब जब मैं देखूँ कोई दर्पण

सिकीलधी

6 thoughts on “तुम्हारा जन्मदिन

  1. बहुत प्यारी कविता और प्यारी तस्वीर। वो हमेशा आपके दिल में आपके साथ हैं। मुस्कुराते चेहरे के साथ उनका जन्मदिन मनाइए।

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