क्या वह बन गया था मेरा सरमाया ? या फिर मेरी मौत का संदेश था लाया …. असमंजस में थी मैं …. बूझ न सकी ख़ुशी मनाऊँ या…. स्वयं अपने ही मरने का मातम मनाऊँ …..
ब्रह्मकमल
ब्रह्मकमल / Brahma Kamal

गर्भ धारण लिए तेरे पत्ते, आशा देते नए संसार की I कलियों के विकसित बोझ लिए , झूलतीं डालियों ने कई प्रण लिए........