https://videopress.com/v/CM74pns4?resizeToParent=true&cover=true&preloadContent=metadata&useAverageColor=true जीना है जब तक. क्यों न करे मोहब्बत ! रखें भाई चारा, न लें किसी की तोहमत! यादों की छोड़ छाप जहां में, ख़ुशनुमा करें खुद की क़िस्मत! आपसी नाता निभाएं , ईश्वर की मान नेमत! सिकीलधी
प्रेम
ममता
भारतीय प्रेम Indian Love
भारतीय प्रेम इस भारतीय प्रेम की परिभाषा ही कुछ अलग औपचारिकता दिखाते सुनाते न हमजोली एक दूजे के सहायक बन जीवन के अंतिम छोर तक अंधियारे की काली रात से उज्ज्वल भोर तलक साथी, हमसफ़र ही तो हाथ बटाएगा जब संतान जवान हो, दूर जा बसे वही तो है जो हर निवाले पर साथ निभाएगा बती बुझानी हो या फिर दही फ्रिज में रखनी हो गैस का सिलेंडर बदलना हो या चूल्हा बुझाना हो सुबह की चाय संग साथ बैठ अख़बार पढ़ना दूध वाले से बर्तन में दूध लेने से नल से बाल्टी भरने तक सब काम सहज हो जाता है, जब साथी अपना, संग हो गुडमार्निंग व गुडनाईट की औपचारिकता रहे न रहे हरि ऊँ व जय श्री कृष्णा, या फिर ख़ुदा की इबादत... धर्म करम के कार्य करते दोनों इक दूजे संग सिकीलधी
मोह पाश
अम्माँ का पुलाव

ईश्वर भी मुस्कुराए होंगे शायद सुनके ये ईश्वर का स्वर। अम्माँ ने अब चूल्हा बुझा कर, पुलाव मेज़ पर परोस दिया था। हम सब प्राणी भी पुलाव के उन सामग्रियों की ही तरह, अपना ही राग अलापते हैं और ईश्वर की कृपा भुला ख़ुद अपना ही गुण गाते हैं।
रक्षा-बन्धन का वार

Raksha Bandhan - The Hindu Festival celebrates the bond between brothers and sisters.