पनाह
गुल व गुलदस्ता
पंछी
A bird in my balcony
आस के धागे
है कौन वह अपना जो, उलझनों को सुलझा सके, गिरह जो लग गईं हैं उनमें, उन को आ सुलझा सके.........
A bird in my balcony
है कौन वह अपना जो, उलझनों को सुलझा सके, गिरह जो लग गईं हैं उनमें, उन को आ सुलझा सके.........