जीना है जब तक.
क्यों न करे मोहब्बत !
रखें भाई चारा,
न लें किसी की तोहमत!
यादों की छोड़ छाप जहां में,
ख़ुशनुमा करें खुद की क़िस्मत!
आपसी नाता निभाएं ,
ईश्वर की मान नेमत!
सिकीलधी
जीना है जब तक.
क्यों न करे मोहब्बत !
रखें भाई चारा,
न लें किसी की तोहमत!
यादों की छोड़ छाप जहां में,
ख़ुशनुमा करें खुद की क़िस्मत!
आपसी नाता निभाएं ,
ईश्वर की मान नेमत!
सिकीलधी
खूबसूरत पंक्तियां।👌👌
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Dhanyavaad Ji
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