दिवाली

एक एैसी भी आई दिवाली

न त्यौहार की रंगत

न क़रीब जनों की संगत

एकाकिपन वअपनी ही तन्हाई 

कोरोना ने है भारी दहशत मचाई

न मित्रों संग मिल ख़ुशियाँ बाटना 

न परिवार जनों संग बैठ बतियाना

न कहींआना जाना

न किसी को घर पर बुलाना

न्योते निमंत्रणअब कोई न देता

पार्टी दिवाली कीअब कोई न करता

न ही गले मिल “शुभदिवाली” निभाते

घरों में दुबके बैठे कई जन रहते

न ज़ेवर की शोभा, न लब पे लगाते लाली

मास्क से चेहरा ढक दिखती हर नारी

प्रदूषण भयंकर करता है विचलित

पटाखों केअब होते न धमाके, न फैलती रंगत

कोरोना ने है भारी दहशत मचाई

एक एैसा भी दिवाली हैआई

सिकीलधी

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s