
वृक्षारोपण
चलो काम कुछ हट कर करें
समाज की निःस्वार्थ सेवा करें
जिस धरती मॉं ने सौंपा हमें सब कुछ
उस की गोद में कुछ अर्पण करें
साफ़ कुछ मन का दर्पण करें
बगीचे में पौधे अनेकों बोए
अब चलो वृक्षारोपण करें
खड्डा खोद भूमि से क्षमा याचना करें
शायद कुछ नन्हे जीव भी रहते होंगे
हम होशियार रह उनका आदर करें
पढ़ें मंत्र, श्लोक उच्चारण करें
धरती मॉं की गोद में वृक्षारोपण करें
वृक्षो रक्षती रक्षिता: की प्रार्थना करें
फिर खाद मिट्टी डाल हाथों से
हस्त कपोलों से जल की वर्षा करें
ऊं शान्ति ऊं शान्ति का पाठ करते करते
वृक्ष के भले की कामना करें
दुलार दे उसे, प्यार भरा एक नाम दें उसे
धरती मॉं की गोद में उसे अर्पण करें
चलो आज हम वृक्षारोपण करें
सिकीलधी
बहुत ही सुंदर और दिल को छुने वाली पंक्तियाँ है 🙏
ह्रदय से आभार है आपको इस काम के लिए।🙏🤗
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Dhanyavaad ji
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