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जहाँ रहो तुम, ख़ुश प्रस्सन रहो
प्यारे सोनू भैया हमारे, जीते रहो
आज तुम्हारे जन्मदिवस पर
हम सब परिवारजन तुमको याद करें
एक बार तो मुड़ कर देख लो प्यारे
बल्लैयॉं ले हम तुमको मन्नालें
कहाँ छुप कर जा बैठे हो तुम
जाने हम सब से क्यों रूठे तुम
एक झलक तो अब दिखला दो
मॉं अपनी पर रहम तो कर लो
पत्नी तुम्हारी निसदिन बाट निहारे
बेटों के पापा कहाँ जा बसे हमारे
बहने आज भी चाह में जिए जाती हैं
कब राखी बंध्वाएेंगे भैया प्यारे
पिता तो वर्षों से चुप्पी साधे
सबको ढाढ़स बँधाते टीस दबा कर
छोटे भाई को दे सब ज़िम्मेदारी
कहाँ की कर ली तुम ने तय्यारी
अब तो लौट आओ सोनू प्यारे
परिवार सगरा तुमको पुकारे
जाने जा बसे हो तुम किस देश
भा गया तुमको कौन सा परदेस
घर की याद न तुम्हें कभी सताती
बच्चों की क्या याद न तुम्हें रूलाती
एैसा क्या था गुनाह हम सब का
जो तुम ने हम सब को है भुलाया
सिकीलघी

Remembrance
So sweet and so sorrowful
Remembering sometimes mournful
Praying that the soul remains joyful
For soul is light love and soulful
Shariffa
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Thank you Shariffa Ji that even though you can’t read Hindi you got someone to read it to you and appreciated the poem.
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बहुत ही दर्दभरी दिल को छूती कविता।
जाने जा बसे हो तुम किस देश
भा गया तुमको कौन सा परदेस
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धन्यवाद जी। आपने शब्दों से दर्द महसूस किया। यह आपका कवी वाला सलीक़ा है।
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हा।ऐसी कविता लिखने में दिल से शब्द नही खून बरसते हैं।ये कविता नही दिल की तड़प है।2007 और 2019 क्या कहें।
कितने पतझड़ बीत गए,
आए कितने मधुमास
तुम भी आ जाते,
जिंदा मन में अब भी आस
अब तो आ जाते।
मौसम आते-जाते,हरपल तेरी याद सताते,
सावन आंखों से ना जाते,
निस दिन जीवन में बरसात,
अब तो आ जाते,
कैसे लिख दूँ क्या हालात,
अब तो आ जाते।
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मेरे छोटे भाई का नाम सोनू है , इसलिए बेहतरीन रचना कुछ और करीब लगी। दिल को छू गयी 😢😢😢
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Thank you Nitin Ji for liking the poem and the comment. Apka Chhota Bhai bhi Sonu, mera chhota Bhai bhi Sonu.
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कहां गए …💕💔💔💔
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Yah to Pata nahin. Bas ghar ki aur chaley par pahunchey hi nahin.
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Oh.
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