
हिन्दी दिवस
जब देश हुआ स्वतंत्र, पीछे छूटा परतंत्र
अंग्रेज़ी हुकूमत से मिली आज़ादी हिन्द को,
सन 1947 की है बात यह
जब राष्ट्र भाषा का था प्रश्न उठा
जहाँ बोली जातीं सैंकड़ों भाषाएँ व बोलियॉं
गंभीर प्रश्न था, भारत माता की भाषिक पहचान का
कौन भाषा बनेगी राजकीय,जब गठन हुआ संविधान का,
26 जनवरी, 1950 में संविधान लागू हुआ जब देश में
यही मुद्दा बहुत अहम था, राष्ट्र भाषा का संघर्ष था
हुआ विचार विमर्श अत्याधिक, सोच विचार फिर ख़त्म हुआ
करेंगे अंग्रेज़ी भाषा को स्वीकार, इस बात का न कोई जश्न हुआ
किन्तु फिर जनता ने जाना, भारतीय भाषा का भी संग हुआ
हिन्दी भाषा को मिली स्वीक्रिती, लिपि देवनागरी को सम्मान मिला
बस तब से हिन्दी हमारी राष्ट्र की अधिकारिक भाषा बनी
मिला एक मत्त से निर्णय ,हिन्दी काे सांविधानिक पहचान का
एैत्हासिक तारीख़ थी 14 सितंबर 1949 की
जब भारत ने पाई थी हिन्दी बनाम राज्यभाषा
जिसकी ख़ातिर ब्योहर राजेंद्र व हज़ारी प्रसाद ने था संघर्ष किया
काका कालेकर, मैथिली व शेठ गोविंद दास ने मिल प्रयत्न किया
किया उपद्रव, शोर मचाया, तब जा हिन्दी की भोर हुई
बहुत यत्न के बाद हमारी बोली को पहचान मिली
तब जाना महत्व इस का पंडित जवाहरलाल ने
कर दिया घोषित हिन्दी दिवस मनाया जाएगा हर साल में
14 सितंबर 1953 से यह बना है सालाना सफ़र
हिन्दी भाषा ने तब से है थामी अपनी डगर
भाषा है यह पवित्र व चाक, जान लो इसे पहचान लो
इस को जानो राष्ट्र भाषा, एवं जन मानस की भाषा
अनुरोध था यह महात्मा गांधी का भारत की जनसंख्या से
मगर जो अलख जागी हिन्दी बन गई प्रियतमा हर मन की
भाषा न मात्र एक बोल चाल होती है
वह तो देश की संस्क्रती की अभिलाषा होती है
अपने संस्कारों का प्रतिबिंब, अति सम्माननीय होती है
राष्ट्र भाषा किसी भी राष्ट्र का गौरव चिन्ह होती है
है अपना कर्तव्य, करें प्रकट प्रेम व सम्मान उसे
कश्मीर से कन्याकुमारी तक, साक्षर से निरक्षर तक
प्रत्येक वर्ग व जाति पर इस भाषा का गुणगान करें
है हिन्दी वह अनमोल रत्न जो एकत्र हिन्दुस्तान करे
है धिक्कार जनक बात बहुत जो आज समस्या आन पड़ी
बदलते युग के संग अंग्रेज़ी भाषा के देश में पाँव हैं गढ़े
है बहुत बड़ी भूल भारतीय होकर हिन्दी को बिसारना
स्वयं अपनी भाषा तज, दूजी भाषा के ग़ुलाम बन जाना
न समझो हिन्दी भाषिय को अनपढ़, गँवार तुम
न कतराओ, आओ सामाजिक संगठन में हिन्दी बोलो तुम
केवल एक मात्र दिवस का अतिथि न समझो इसे तुम
हर दिन को ही हिन्दी दिवस जानो, मानो, समझो व पहचानो तुम
सिकीलधी

Picture Credits: Google Images
Video Credits: Pratima Dutt
video recording from Hindi Divas Celebration on 14/9/19
Bahut khoob
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Dhanyavaad Ajay ji.
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दिल को छूती शानदार कविता। राष्ट्रभाषा का सम्मान देश का सम्मान है मगर अमित शाह जी के बयान पर विपक्षियों का बयानबाजी स्वतः हिंदी की क्या कीमत है दिखला दी।
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Dhanyavaad Ji.
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