कमाऊ लाल

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बेटा जब क़ाबिल होते ही बन जाए कमाऊ लाल,
आशाओं के पुल बन्ध जाते, होता है कुछ ऐसा हाल.
दादा दादी चाहते, सुधर वह जाए, न रखे बिखरे बाल,
बहु ब्याह कर लाए जल्दी, उनकी सेवा को तैयार .

माँ गर्व से कहे बेटा मेरा बड़ा सयाना, घर का रखेगा ख़याल
परवरिश अपनी पर सीना तानती, हो गया जब कमाऊ लाल.
कैसे कैसे स्वप्न सजाती, बेटे गिर्द कई महल बनाती,
उसका लाड़ला बना कमाऊ, आस भरे कई दीप जलाती.

अब सपूत है कुछ बड़ा बन गया, उसकी ख़ातिर पूजा करती,

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रहे सलामत आँख का तारा, उसके शुभ की कामना करती.
मंगलमय हो उसका जीवन, हाथ जोड़ भगवान से कहती,
वृद्धी उसकी होती जाए, नाम कमाए उसका कमाऊ लाल.

पिताजी भी कम ख़ुश न होते,जब हो संग कमाऊ लाल,
ज़िम्मेदारी का बोझ बँटेगा , जब हो संग कमाऊ लाल.
सिर के बल कुछ कम हो जाते, जब हो संग कमाऊ लाल,
राहत की लम्बी साँस वे लेते, जब हो संग कमाऊ लाल.

अब अपना बोझ वह तय कर लेगा, पुत्र है अब कमाऊ लाल,
एक का ख़र्चा तो कम होगा, पुत्र जो बन गया कमाऊ लाल.
बेटी के दहेज की कम हुई चिन्ता, कुछ मदद करेगा मेरा लाल,
अब पेनशन अपनी बचत बनेगी, घर में है अब कमाऊ लाल.

बहना चाहती अब के राखी पर, भैया ला देंगे महँगा हार,
और दिवाली भी अब से तो , बन जाएगी कुछ और कमाल.
अब तो भाई कमाऊ है उसका, घर को देंगे कुछ नया निखार,
नौकर भी अब तो रख लेंगे, भाई ही भर देगा उसका पघार.

मॉं ने मन ही मन कर लिया है एक अनोखा कार्यक्रम तैयार,
पत्थर पे अब हाथ हैं दुखते, जल्द ही जाएँगे हम बाज़ार .
मिक्स्र एवं जूसर लेकर, हम भी अब बनेंगे बड़े साहूकार,
पिताजी सोचते साइकल छोड़ काश ले सकता एक कार.

दादी व दादा की आशाएँ तो सरल सी थी, पर थीं तो सही,
मगर मॉं बापू व बहन ने तो बना डाला एक स्वप्न महल
कमाऊ लाल यह सोचा करता, दंड है पुत्र बन कर जन्मना,
इस भारत वर्ष में पुत्र माँगने पर मिलता है एक कमाऊ लाल.

नहीं है नाजायज़ आशा घर भर की, किन्तु क्या पूरी हो सकती,
क्या बतलाऊँ बहना को,मेरे इन चंद रुपयों से तेरी माँग तो सजेगी,
लेकिन लेना पड़ेगा क़र्ज़ा, पिताजी की ही तरह मेरी कमर भी दबेगी,
फिर भी गौरव से कहेंगे बड़ा सयाना है हमारा कमाऊ लाल।

कमाना चाहता है वह इतना, कर दिखाए कुछ ऐसा नया कमाल,

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तमन्ना सबकी पूर्ण कर पाए, दूर कर दे ग़रीबी का जंजाल
इतनी कमाई कर वह पाए की बेझिझक ख़ुद को समझे कमाऊ लाल
पिताजी को कुछ राहत दे पाए, मॉं के भी हों कुछ अच्छे हाल।

एै भगवान कुछ ऐसा कर दो, सब के सब हो जाएँ निहाल,
कमा के लाऊँ बस इतना भर, परिवार सदा रह पाए ख़ुशहाल
लोग जो कहते बेटा चाहिए केवल उनको, आओ देखो मेरा हाल,
काश मैं बेटी बन कर पैदा होता, आशाओं का न रहता बवाल।

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Mसिकीलधी

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